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Saturday, December 19, 2020

Eyewitness account: how Ac Harishankar did Bangalization of SS 7-12

 Baba

Eyewitness account: how Ac Harishankar did Bangalization of SS 7-12



~ The below is courtesy of WhatsApp forums

मनिशानन्द जी की पोस्टिंग जब रांची में थी । तबकी बात । जब मनिशानन्द जी AC हरिशंकर जी के यहां जाते थे तो अपने मोटरसाइकिल पर बिठा लेते थे । 

मैं तब स्टूडेंट था बैचलर था और दादा ( H ) के यहां तो बस प्यार ही प्यार था । upsf का डिस्ट्रिक्ट आफिस भी वही था । 

तब बहुत कुछ समझ नही आता था पर अब बहुत कुछ समझ आ रहा है ।

जब मनिशानन्द जी बोलते चलो आज कुछ नया ऑडियो या video कोई ला रहे है । उसको हरिशंकर दादा के साथ देखेंगे ।

तब कुछ कम समझ आता हरिशंकर दादा के ही साथ क्यो ।

फिर उनदोनो का डिस्कशन अब प्रासंगिक लग रहा है ।

तब हरिशंकर दादा मूल बंगला से अनुदित वाला काम कर रहे थे ।

मनिशनन्द जी तब उन प्रवचनों का ऑडियो दादा को सुना रहे थे जो परमप्रिय बाबा ने हिंदी या इंग्लिश में बोला था ।

और हरिशंकर दादा को सेन्टर उसी प्रव चन का बंगला में छपा पुस्तक देके उसको हिन्दी मे translate करने बोला  था ।

मनीषानन्द जी का तर्क था कि सेन्टर के पास ,ये सब रिकॉर्डिंग है । तो आप बंगला बुक से ट्रांसलेट न करके ऑडियो से transcribe क्यो नही करते ।

हरिशंकर दादा से manishannd जी की इसपर बाद में नोक झोंक भी हुई ।

मेरे लिए तब बड़ा ही kimkartbyavimud वाली स्थिति थी । 

फिर मैंने एक बार हरिशंकर दादा से अकेले में पूछा कि manishananad जी तो सीधे ऑडियो दे रहे है । फिर आपसे इतना परिश्रम क्यो करवाया जा रहा है ? इस पर उन्होंने बोला कि ये GS दादा का आदेश है ,  मैं तो बस अपना duty कर रहा हु ।

फिर कई किताब आये जिसमे यह लिखा था - मूल बंगला से आचार्य  हरिशंकर द्वारा अनुदित ।

नतीजा था मनीषा नन्द जी और आचर्य हरिशंकर जी के बीच तल्खी चरम पर पहुच गयी ।

और दो महान व्यक्ति के बीच हुए आदर्शगत संघर्ष को मैं अचंभित और हतप्रभ होकर देखा हुं ।

~ The above is courtesy of WhatsApp forums