Baba
Prof RP Singh humiliated by Satyashrayananda
~ The below is courtesy of WhatsApp ~
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मेरे साधुशील मित्रों,
💐10 अक्टूबर की जिस घटना पर सोशल मीडिया में बातें वायरल हो रही हैं, इसपर कोई गलतफहमी न हो, इसलिए मैं अपना पक्ष आप सभी के समक्ष निम्नवत प्रस्तुत करता हूंः
👉तथाकथित रांची ग्रुप के कतिपय कार्यकर्ताओं के मिशन विरोधी कृत्यों की सोशल मीडिया पर गत दो माह से जो कटु आलोचना-समीक्षा चल रही थी, उसके प्रभाव में DMS के आयोजकों ने कतिपय सुधार किए थे, यथा, विशिष्ट अतिथियों को होटल के बजाय किसी घर में ठहराना, आमंत्रण पत्र का स्वरूप बदलना। इसी से संकेत गया कि आयोजक सुधार की ओर अग्रसर हैं, अतः बहिष्कार का आह्वान टालकर सहयोग करना उचित है। ऐसी धारणा के साथ, अपने पुराने सहयोगी मित्रों के आग्रह को स्वीकार करते हुए मैं 10 अक्तूबर को गोरखपुर रेल्वे स्टेशन पर शाम 5 बजे पीपी दादा के स्वागत व माल्यार्पण के लिए उपस्थित हुआ। पर वहाँ जो हुआ उससे स्पष्ट हो गया कि इन लोगों से किसी सुधार की अपेक्षा बेमानी है। बड़े से बड़े अपराधी सुधार सकते हैं पर अहंकार की काफी ऊंचाई पर पहुंचे ये कतिपय पुराने पुरोधा लोग सुधारे नहीं जा सकते।
👉वहाँ मुझे किनारे बुलाकर सत्याश्रयानंदजी ने मुझसे अकेले में सवाल किया ‘For what you are here?’ मैने कहा, मुझे पीपी दादा के स्वागत के लिए बुलाया गया सो मैं आया। इस पर उन्होने कहा ‘आपने तो हमलोगों को भ्रष्ट बताते हुए DMS के बहिष्कार का आह्वान किया, फिर यहाँ क्यों? साथ के एक सन्यासी बोले, यह तो इन्होने लिख के दिया है। मैंने कहा कि ‘तो, और भी बहुत कुछ लिखा है। आपलोगों को मेरे यहां रहने से दिक्कत हो रही है!’ जवाब मिला, बिलकुल। तब मैंने बोला, तो ठीक है मैं चला जाता हूँ और मैं वहा से हट जाना ही उचित समझा यह मानते हुए कि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।
सतही तौर पर तो प्रतीत होता है कि यहां कोई खास घटना तो हुई ही नहीं, न हाथापाई, न मारपीट। लेकिन एक बड़ा संदेश वहां उपस्थित लोगों को मिला कि यदि आप कुछ गड़बड़ कार्यकर्ताओं के भ्रष्ट कृत्य का विरोध करते हैं तो यही कार्यकर्ता आपके विरोध को संगठन व मिशन के विरोध के तौर पर पेश करेंगे; और जब इनके कुकृत्यों के विरुद्ध संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही /सुधार न होने पर आप इनकी गलत नीतियों का विरोध करते हैं तो इसे भी दोषी कार्यकर्ताओं व उनके चमचे गृहियों द्वारा समूचे संगठन का विरोध बताकर आपकी उपेक्षा, अपमान और व्यक्तित्व हनन किया जाएगा। यही असली मुद्दा है।
बाद में मुझे ज्ञान त हुआ कि वहां उपस्थित कुछ सम्भ्रान्त मार्गियों ने भी यह कहकर विरोध व्यक्त किया कि आपलोग आर पी सिंह के साथ गलत कर रहे हैं। मैं इन सुधी शुभेच्छुओं का सहृदय आभारी हूं।
🙏आर पी सिंह, गोरखपुर
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