Baba
रुद्रानन्द अपने मुख्य चमचों के साथ
नमस्कार
रुद्रानन्द अपने चमचों के साथ जिन्होंने आनन्द मार्ग प्रचारक संघ को भीतर से खोखला कर दिया है।
पूज्य बाबा आनन्दवाणी में कह रहे हैं कि "मेघ सूर्य को अधिक समय तक ढँक कर नहीं रख सकते । अन्धकार के जीव नहीं चाहते कि मनुष्य का सामूहिक अभ्युत्थान हो, फिर भी मनुष्य आगे बढ़ता चला जाएगा। कोई भी उसकी गति को रोक नहीं सकेगा। मनुष्य की इस जययात्रा में तुम ही वार्त्तावह बनो, तुम ही पथीकृत बनो। यह देखना कि कोई भी मनुष्य पिछड़ा न रह जाए। पहली जनवरी 1972, आनन्द वाणी # 36"
रुद्रानन्द के एक चमचा का विस्तृत रिपोर्ट
नोट:- इस रिपोर्ट के साथ एक वीडियो का लिंक और कई फ़ोटो हैं । जो कि इस रिपोर्ट के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए इस रिपोर्ट को शुरू से अन्त तक पढ़ें।
नमस्कार
आजकल हमलोगों की संस्था रुद्रानन्द के चमचो द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसलिए अगर कोई होलटाइमर दादा दीदी लोग आनन्दमार्ग के नैतिक नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं, तो उन्हें सजा दी जाती है, पनिशमेंट पोस्टिंग की जाती है। पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग को रुद्रानन्द धमकी और हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
निम्नलिखित तीन होलटाइमर दीदी अभी हाल में ही पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग का शिकार हुई है। उनका नाम है--
- आनन्द गौरी दीदी
- आनन्द प्रभा दीदी
- आनन्द शुभ्रा दीदी
इन तीनो दीदियों का कसूर केवल इतना है कि इन तीनो ने एक तथाकथित सेक्सी दरिंदे मन्त्रजपानन्द का विरोध किया। मन्त्रजपानन्द दबाओ में स्थित ट्रेनिग सेंटर का मुख्य ट्रेनर थे । मन्त्रजपानन्द एक तथाकथित सेक्सुअल दरिंदा है। जो रुद्रानन्द का चमचा है। इस मन्त्रजपानन्द के वहशीपन का विरोध करने के कारण ऊपर लिखित तीनों दीदीयों को मनीला सेक्टर से हटा कर दूसरी जगह पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग किया गया।
ट्रेनर दादा मन्त्रजपानन्द के (ट्रेनीज) प्रशिक्षणार्थी दीदियों के साथ तथाकथित चरित्रहीनता वाला गन्दा व्यवहार का तीनो दीदियों ने विरोध किया । इसलिए रुद्रानन्द ने इन तीनो दीदियों को मनीला सेक्टर से बाहर फेंक दिया । ताकि वे लोग रुद्रानन्द के तथाकथित चरित्रहीन चमचे मन्त्रजपानन्द का विरोध न कर सके। और दूसरे लोगो को भी सबक मिले और कोई भी अपना मुंह न खोले।
आजकल संस्था इसी अन्यायपूर्ण ढँग से चल रहा है।
पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग क्यों
प्रश्न ये है कि आखिर रुद्रानन्द ने इस तथाकथित चरित्रहीन दादा मन्त्रजपानन्द को ऐसे ट्रेनिग सेंटर के ट्रेनर के तौर पर क्यों बैठाया जहां दीदियों को ट्रेनिग दिया जाता है। वह भी तब जबकि मन्त्रजपानन्द हमेशा अपने महिला प्रशिक्षणार्थियों को allegedly सेक्सुअली परेशान करता है।
मन्त्रजपानन्द को ऐसा पोस्ट मिलने का एक बड़ा कारण है कि मन्त्रजपानन्द ने मनीला सेक्टर में आनंदमार्ग प्रचारक संघ के अनेक कीमती सम्पतियों को बेचकर बहुत बड़ा रकम रुद्रानन्द को दिया।
बदले में रुद्रानन्द ने भी मन्त्रजपानन्द को महिला प्रशिक्षणार्थी वाले सेंटर में पोस्टिंग करके लड़कियों के साथ सोने की खुली छूट दे दिया।
दूसरी तरफ रुद्रानन्द ने उन दीदीयों को सजा दिया जिन्होंने मन्त्रजपानन्द के तथाकथित चरित्रहीन वहशीपना का विरोध किया और उसके सेक्सुअल बदमाशियों का पर्दाफाश किया।
इसीलिए तीन दीदियों आनन्द गौरी, आनन्द शुभ्रा और आनन्द प्रभा ने जब मन्त्रजपानन्द के तथाकथित चरित्रहीनता का प्रदापाश किया तो रुद्रानन्द ने बिना देरी किए इन तीनो को पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग कर दिया।
पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग का इतिहास
पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग 1991 से ही संस्था के भ्रष्ट नेताओं का एक हथियार रहा है। उस समय से अब तक सैकड़ों होलटाइमर इसका शिकार हो चुके हैं।
यहां कुछ घटनाओं का वर्णन किया जा रहा है।
(क) एक दादाजी आचरणविधि का अच्छे से पालन करने की कोशिश करते थे। उनकी पोस्टिंग उड़ीसा के एक वीरान जगह पर कर दी गई। दादा G इस पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग से घबड़ा गए। अन्ततः परिस्थिति के दबाव में दादा G ने संस्था के भ्रष्ट अधिकारियों के सामने घुटने टेक दिए। बदले में उन्हें इनाम के रूप में रांची बाबा क्वार्टर में सुविधाजनक पोस्टिंग मिल गया।
(ख)पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग का एक बड़ा उदाहरण है काहिरा सेक्टर। जब भी किसी होलटाइमर को सजा देना होता है तो उसे काहिरा सेक्टर स्थित खाड़ी देश के कट्टर इस्लामी जगह में पोस्टिंग कर दिया जाता है। ये इस्लामी देश में रहना बेहद कठिन हैं। यहाँ इस्लाम को न माननेवाले व्यक्ति के लिए जीवन रक्षा भी बेहद मुश्किल है, धर्मप्रचार का तो बात ही छोड़िए । ये इस्लामी देश अगर जान जाए कि फलां व्यक्ति धर्म प्रचार के लिए आया है, तो वे लोग उसे तोड़ के रख देंगे।
इसीलिए ओवरसीज होलटाइमरों को पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग के लिए अरब के कट्टर इस्लामी मध्य-पूर्व के सीरिया जैसे खाड़ी देशों में भेजा जाता है।
(ग) अगर सच कहें तो वैसा कोई भी जगह जो एक होलटाइमर के अस्तित्व रक्षा के अनुकुल नहीं है, वह पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग है। यह अफ्रीका का रेगिस्तान हो सकता है, भारत का कोई बंजर पथरीला मास्टरयुनिट हो सकता है जहाँ जाने के लिए सड़क भी न हो। या कोई ऐसा जगह हो सकता है जहाँ कोई मार्गी न हो।
आप अपने लोकल होलटाइमर दादा दीदी से बात कीजिए । अगर वे आप पर विश्वास करते होंगे तो वे आपको वैसे होलटाइमर का लम्बा लिस्ट दे देंगे जो इस पनिशमेंट (सजा) पोस्टिंग का शिकार हुए हैं।
समाधान : मार्गी और सच्चे WT का कर्त्तव्य
Ananda Marga philosophy states, “Your duty will be to unite the moralists. Let there be two camps. Let there be an open fight. The moralists have been scattered for so long that they could not fight. The united strength of five moralists is much more than the united strength of a hundred immoralists because there is an unholy alliance amongst the latter. Meditation behind closed doors will not do. Gather strength by intuitional practices and unite yourselves against the immoralists.” (Prout in Nutshell, Part 18, Chapter Your Mission)
बाबा के उपरोक्त आदेश का आशय है कि नैतिकवान लोग बिखरे होने के कारण अनैतिक शक्ति के खिलाफ लड़ाई नही कर पाते हैं। इसलिए सच्चे मार्गियों और होलटाइमरों का कर्त्तव्य है कि नैतकवानों को एकजुट करें और अनैतिकवानो से खुली लड़ाई हो । बाबा कह रहे हैं कि पांच नैतिकवान की शक्ति 100 अनैतिकवानो से भी बहुत ज्यादा है, क्योंकि अनैतिकवानो के बीच अपवित्र गठबंधन होता है। बाबा का आदेश है कि साधना से शक्ति प्राप्त करें और अनैतिकवादियों के विरूद्ध एकजुट हो जाएँ। यही आज के समय मे सच्चे मार्गियों और होलटाइमरों का कर्त्तव्य है।
बाबा चरणों मे
सत्यनारायण
# दीदी आनन्द गौरी और आनन्द शुभ्रा मनीला सेक्टर में अनेक वर्षों से हैं और अनेक शैक्षणिक परियोजनाओं का संचालन कर रही हैं।
दीदी आनन्द शुभ्रा मनीला सेक्टर से भारत पहुंचकर राँची रिपोर्टिंग में मन्त्रजपानन्द के तथाकथित चरित्रहीनता, सेक्सुअल वहशीपन का पर्दाफाश सबके सामने करना चाहती थी। लेकिन उनके भारत पहुंचने के पहले ही जल्दी से दीदी आनन्द शुभ्रा का ट्रांसफर दूसरे सेक्टर में कर दिया गया ताकि वे मनीला सेक्टर का मुद्दा न उठा सके।
अभी एक तथाकथित चरित्रहीन दीदी आनन्द अनुपमा को मनीला सेक्टर का सेक्टोरियल वूमेन वेलफेयर सेक्रेटरी बना दिया गया है। इस पोस्टिंग को रिपोर्टिंग में छुपा लिया गया। इसका ऐलान वर्कर्स के सामने नही किया गया। चुपके से एस एस मनीला को आनन्द अनुपमा के पोस्टिंग की सूचना दे दी गई। जैसा कि लोग जानते हैं कि आनन्द अनुपमा के तथाकथित अनेकों दादा दीदी से गन्दे चरित्रहीन सम्बन्ध है।
~ In-depth study ~
होलटाइमर आचरण विधि:
- WT Conduct Rule: “Supervisory workers will have to take proper care of each of their supervised stuff in all respects.” (Six Additional Rules, Point #2)
- WT Conduct Rule: Supervisory workers will have to keep care that each of their supervised workers is properly utilized.” (Six Additional Rules, Point #6)
- WT Conduct Rule: "Avadhuta must not remain in a lonely place with any female." (32 Rules for Avadhuta, pt #13)
- WT Conduct Rule: "You will protect yourself from sexual weakness and luxury." (WT Conduct Rules, Fourteen Points, pt #12)
== Section 2: Important Teaching ==
Deliberate wrongdoer
Namaskar,
The below scan is an iconic example of how Sadguru Shrii Shrii Anandamurti ji’s teachings are on the path of ruination. Here below one margii, Mr. A.K. Lal has made scan and wrongly indicated that this is Baba’s quote without supplying any references. Just there are some lines of text followed by “Shrii P.R. Sarka”. This gives the notion that these are Guru’s teachings. Then beneath that it states: “Photo AK Lal.”
Sadly, it is obvious Mr. Lal is more interested in highlighting his own name than giving proper references where this quote came from. However for any true disciple, by reading the quote it quite evident that this is not Baba's teaching.
Devious followers: put garbage in Lord Krsna’s name
This entire episode demonstrates how the first step of ruination of Baba’s teaching is already done. If it continues then every Tom, Dick, and Harry will start writing their own mental feeling and stick Baba's name as the signature. By this way, gradually all those dogmas which are forbidden like idol worship and caste marriage and gay marriage will suddenly be condoned and appreciated. Next they will say, “Meat-eating is very good for Ananda Margiis - Shrii Shrii Anandamurti.”
Today this may look outlandish but history proves that this is the way distortion happens. For instance, if you pick up Lord Krsna’s teachings you will find that the caste system is appreciated. It was only when Baba clarified this matter the it became clear that Lord Krsna did not appreciate the caste system. Rather Lord Krsna opposed the caste system but devious followers put their dogmatic views in Lord Krsna’s name.
Save Baba’s teachings from ruination
Shockingly, the same thing going on here with Sadguru Shrii Shrii Anandamurti ji. OK - if you, Mr. AK Lal, really think that this is Baba's teaching in the below image then why did you not give the reference in the first place. Why were you keeping it hidden. This idea of concealing the reference and propagating it as Baba's teaching is the path of ruination of Ananda Marga philosophy.
If you the reader find any sincere or insincere margii or non-margii doing the aforesaid things then best is to follow the Caryacarya’s rules on shasti / corrective punishment and guide them properly. Only then will we be able to save Baba’s teachings from ruination.
In Him,
Tripti Dwivedi
The below scan is an iconic example of how Sadguru Shrii Shrii Anandamurti ji’s teachings are on the path of ruination. Here below one margii, Mr. A.K. Lal has made scan and wrongly indicated that this is Baba’s quote without supplying any references. Just there are some lines of text followed by “Shrii P.R. Sarka”. This gives the notion that these are Guru’s teachings. Then beneath that it states: “Photo AK Lal.”
Sadly, it is obvious Mr. Lal is more interested in highlighting his own name than giving proper references where this quote came from. However for any true disciple, by reading the quote it quite evident that this is not Baba's teaching.
Devious followers: put garbage in Lord Krsna’s name
This entire episode demonstrates how the first step of ruination of Baba’s teaching is already done. If it continues then every Tom, Dick, and Harry will start writing their own mental feeling and stick Baba's name as the signature. By this way, gradually all those dogmas which are forbidden like idol worship and caste marriage and gay marriage will suddenly be condoned and appreciated. Next they will say, “Meat-eating is very good for Ananda Margiis - Shrii Shrii Anandamurti.”
Today this may look outlandish but history proves that this is the way distortion happens. For instance, if you pick up Lord Krsna’s teachings you will find that the caste system is appreciated. It was only when Baba clarified this matter the it became clear that Lord Krsna did not appreciate the caste system. Rather Lord Krsna opposed the caste system but devious followers put their dogmatic views in Lord Krsna’s name.
Save Baba’s teachings from ruination
Shockingly, the same thing going on here with Sadguru Shrii Shrii Anandamurti ji. OK - if you, Mr. AK Lal, really think that this is Baba's teaching in the below image then why did you not give the reference in the first place. Why were you keeping it hidden. This idea of concealing the reference and propagating it as Baba's teaching is the path of ruination of Ananda Marga philosophy.
If you the reader find any sincere or insincere margii or non-margii doing the aforesaid things then best is to follow the Caryacarya’s rules on shasti / corrective punishment and guide them properly. Only then will we be able to save Baba’s teachings from ruination.
In Him,
Tripti Dwivedi
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