Baba
Namaskar
Dada Svarupananda has an unparalleled ability to create stories from thin air and befool millions of people. Here below is one example.
It is sad that Svarupananda ji is telling false things in the name of Baba regarding the definition of nirvikalpa samadhi. What Dada is telling is off the mark, i.e. against AM teachings.
In HIM,
Shambhu Dev
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BABA STORY - आचार्य स्वरूपानंद अवधूत दादा जी द्वारा 2012 के मुम्बई साधना शिविर में सुनाई गयी एक हृदयस्पर्शी *बाबा कथा*
बिहार के एक सुदूर गांव में एक अत्यंत गरीब मार्गी राम अवतार जी रहते थे।बहुत पहले किसी दादा ने उन्हें दीक्षा दी थी।उन्हें कोई नहीं जानता पहचानता था।...
..उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से मेरे साथ कुछ अजीब सा हो रहा है।सुबह हो या शाम, जब कभी भी मैं साधना करता हूं तो कुछ समय बाद एक प्रकाशपुंज मेरे सामने आ जाता है और वह फिर वह एक छोटी सी चिंगारी में बदल जाता है और फिर मेरे शरीर में प्रवेश कर जाता है।इसके बाद जो होता है, वह मेरी समझ में नहीं आता है।दादा जी समझ गये कि ये निर्विकल्प समाधि की अवस्था है।राम अवतार जी बडे़ भाग्यवान हैं कि उन्हें निर्विकल्प समाधि प्राप्त हो गयी है।दादा जी को ये जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई।
जब दोनों साथ में साधना करते,तब दादा जी एक घंटे में साधना पूरी कर लेते।राम अवतार जी जब कभी साधना करते, उन्हें वही सभी चीजें अनुभव होती थीं।फिर साधना से उठते और कुछ भोजन तैयार कर दोनों खा लेते।दादा जी पूरे दो दिनों तक राम अवतार जी के साथ रहे।राम अवतार जी साधना के दौरान अपने होने वाले विभिन्न अनुभवों को सुनाया।दादा जी सोचने लगे कि इनके ये सभी अनुभव उन्हीं लोगों को होते हैं,जो निर्विकल्प समाधि की अवस्था प्राप्त कर लेते हैं।दादा जी को राम अवतार जी के प्रति श्रद्धा बढ़ गयी।
तीसरे दिन दादा जी ने कहा कि अब मैं वापस जाना चाहता हूं, क्योंकि मुझे सभी कुछ *बाबा* को बताना है।राम अवतार जी उन्हें छोड़ने गांव की सीमा तक आये और दादा जी को अश्रुपूरित विदाई दी।
दो दिनों के बाद दादा जी *बाबा* के पास गये। *बाबा* ने उनसे पूछा कि क्या तुमने राम अवतार के दर्शन किये?दादा ने कहा कि हां *बाबा*, मैं उनसे मिला था। *बाबा* ने फिर पूछा कि क्या तुमने राम अवतार के दर्शन किये?दादा ने फिर कहा कि वे राम अवतार जी से मिले थे।दादा जी समझ नहीं पा रहे थे कि *बाबा* क्या कहना चाहते हैं? पुनः *बाबा* बोले कि क्या तुमने उसके चरणस्पर्श किये थे?दादा ने कहा: नहीं *बाबा*। दादा सोचते थे कि राम अवतार जी तो एक गरीब किसान हैं और मैं तो एक दादा हूं।तब *बाबा* बोले कि तुमने एक मौका खो दिया। *मैंने* तुम्हें मात्र उसके चरणस्पर्श करने के लिये भेजा था,परंतु तुमने ये मौका गंवा दिया।फिर *बाबा* ने कहा कि ठीक है, क्या तुम उसके चरणस्पर्श करना चाहते हो?इस पर उन्होंने कहा: हां, *बाबा*।तब *बाबा* ने कहा कि तुम्हें उसके चरणस्पर्श करने फिर वहां जाना होगा।दादा सोचने लगे कि वहां जाना कि कितना कठिन था,अब फिर मुझे वहां जाना होगा।फिर *बाबा* ने कहा कि वहां जाने से पहले *मेरी* अनुमति ले लेना।तीसरे दिन वे *बाबा* से बोले कि वे राम अवतार जी के दर्शन कर चरणस्पर्श करने को तैयार हैं।तब *बाबा* ने कहा कि तुमने अवसर गंवा दिया,तुमनें अवसर गंवा दिया।
तब *बाबा* ने उनसे कहा कि वो तुमसे *मेरी* ओर से उसके लिये कही बातें सुनना चाहता था।जिस दिन तुम उसके यहां से प्रस्थान किये थे,वो वापस आकर साधना में बैठ गया और फिर वही प्रकाशपुंज उसके सामने प्रकट हुआ और राम अवतार एक छोटी सी चिंगारी में परिणत होकर उस प्रकाशपुंज में हमेशा के लिये विलीन हो गया।अब तुम वहां जाकर भी उससे नहीं मिल सकोगे।उसने अपने पार्थिव शरीर को त्याग दिया है।
*बाबा* बोले:राम अवतार की अवस्था पाने के लिये तुम्हें भक्ति के साथ ज्यादा साधना करनी होगी।
- परमपिता *बाबा* की जय (Hindi translation by Subhash Roy ji )
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