Baba
Goenka spreads false things
(G. is dying to be famous as great bhakta)
Namaskar,
Usually we see in old age, strange things happen. Those who are elderly, many times it is seen that some of them lose their sense. They cannot differentiate between right and wrong, unfortunately. In that situation, their caretakers or well-wishers who are close by, they should help them to control their behavior. But unfortunately, here in the following case that has not been done. The case concerns one very senior Margii who used to be very good; yet it is highly disconcerting to see what he is doing now. In old age it appears he has lost his sense. And he is spreading false things in the name of Baba.
In the following image, some false things are written about microvita. And it is attributed to Shrii Shrii Anandamurtiji. And the doer is one very long term Margii, unfortunately. To find out more, please go on reading.
When people challenged him to give proof as to where he got the above Hindi so-called Baba's quote, he ignored the request. And still that so-called Baba quote is on his Facebook page. Earlier he was a very good Margii, but look what has happened.
He posts and propagates non-margiis’ silly & dogmatic quotations also on Facebook sometimes.
You know him-- his name is Shrii Shyamsundar Goenka. Those who know him should come forward to help Goenkaji by removing the above false quote given in the name of Baba, from his Facebook page. Earlier Goenkaji was ok, but now --- he wants to establish himself as a fake devotee and writer.
True bhaktas want to glorify Parama Purusa. But those who are pseudo-bhaktas want to glorify themselves instead of Parama Purusa. Thinking about self in a regular and constant way, with time the mind becomes smaller and smaller. Such people forget even very simple and common etiquette and do's and dont's of the society. And start doing silly things. You can easily detect those who want to glorify themselves as a fake/great bhakta; they fall in a lowly category.
At His feet,
Maheshvar Khandelwal
Guru’s teaching must be saved
Verily, to change words in the publication of a discourse, alters the meaning and misguides readers. Táraka Brahma has given pristine, clear teachings. Mis-transcription and double translation opens the door to misinterpretation and dogma.
Bábá says, “Nothing should ensnare people in the illusory net of pettiness in any sphere of life, from the general code of spiritual conduct to the universal and eternal principles of life – lest the voracious fangs of the all-consuming Máyá devour them. Thus the scriptures containing spiritual injunctions must be totally flawless.” (NSS, Disc: Shiva's Teachings – 2 (continued) (Discourse 14)
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News: Ranchi Protest: Mantracetananda Avt
Courtesy of WhatsApp - STO Forum: It is obvious that this below news is not original content by Ananda Marga News Bulletin.
Latest news from STO whatsapp group :
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आज की ताजा खबर।। 25 May 2017 Ranchi: आज मुझे(मन्त्रचेतनानंद) राँची के पंडरा पोलिस स्टेशन में बुलाया गया। जिसमें राँची कैंप हेड क्वार्टर ने अपनी एप्लीकेशन में यह कहा होगा कि मेरे मूवमेन्ट से लॉ एंड आर्डर बिगाड़ सकता है। और इस लिए उनको सुरछा मिलनी चाहिए। मुझ से पूछा गया। तो मैने कहा कि मेरी लड़ाई पर्सनल नहीं है, बल्कि सिस्टम की लड़ाई है। लेकिन पोलिस इंस्पेक्टर के मन में यह बिठा दिया है। कि मेने 5 साल पहले संस्था छोड़ दी है। और मै सँस्था विरोधी लोगो का साथ लेकर सँस्था को ध्वंश करने में लगा हूँ। मै अनुशासन को नहीं मानता हूँ।और मेरे ऊपर यह भी ब्लेम लगाया गया कि मै आचार्य अभीप्रेमानंद अवधूत के हत्यारों से मिल कर संस्था को बदनाम करने में लगा हूँ। और मै कभी भी उनकी हत्या कर सकता हूँ।।
सत्याश्रयानन्द का मिथ्या आलाप
(Preposterous claim and falsehood of Satyashrayananda)
मैं (मन्त्रचेतनानंद) अकेला था और मेरे साथ एक ननमार्गी एड्वोकेट भी थे। और उन लोगो की तरफ से नाभातीतानंद, सवितानंद, सत्याश्रयानंद, रागानुगानंद, एवं सुधांशु जी भी थे (police station में)। सर्वप्रथम सुधांशू जी का परिचय। भूक्ति प्रधान राँची के रुप् में दिया गया। सुधांशु जी ने बहुत अच्छा बोला। और कहा। कि संस्था अनुशासन में चलती है और इसमें काफी सख्त हे।। और सँस्था कभी अनुशासन में समझौता नहीं करती। मेने इसका जवाब दिया दिया। कि सुधांशु जी , चर्या चर्य के अनुसार भूक्ति प्रधान नहीं है। सुधांशू जी मार्गियो के द्वारा निर्वाचित नहीं है।इसलिए यह फेक भुक्तिप्रधान है। आप लोग सिस्टम का पालन नही करते हे। मेने कहा कि हम लोग सिस्टम के लिए मूवमेन्ट कर रहे है। फिर मेने कहा, कि जमीने बेचीं गयी है। चन्दन के पेड़ जागृति में से माकर बेचे गए है। जब मैने इस प्रकार कहा तो सत्याश्रयानंद ने पुलिस इंचार्ज से कहा कि यहाँ चर्या चर्य की बात कई हो रही है। आप तो चर्या चर्य को जानते भी नहीं है। बाद में सत्याश्रयानंद ने कहा कि हम यहाँ बहस के लिए नहीं आये है, हम तो सिर्फ अपनी सुरछा के लिएआये हे। और चलनेके लिए तैयार हो गये। फिर पोलिस इंचार्ज के कहने पर रुक गए। और मुझे कहने लगे की यदि कोई संयदि कोई घर की बात होती है तो कोई घर की बात को बाहर कहता है। इसमें सँस्था की बात को कोई बाहर कहता है, इस प्रकार सत्याश्रयानंद ड्रामा करते रहे। मेने कहा कि मेरी धारवाड़ में ट्रांसफर 2017 में हुई थी मेने अपना टूर प्रोग्राम मेरे तत्कालीन अधिकारी मुकेशानंद जी एवं विश्वप्रेमानंद CS'D" से सिग्नेचर TP पर करवाये थे तो आप केसे कह सकते हे की मेने 5 साल से सँस्था छोड़ी है। तो सत्याश्रयानंद ने कहा कि वह TP फर्जी है। इसके कुछ समय बाद सब लोग वापस चले गए। अब आप लोग ही सोचिये की यह लोग किस तरह से खिलवाड़ कर रहे हे। जिस तरीके से सत्याश्रयानंद ने रुद्रानंद की वफादारी दिखाई है। हो सकता है उसको इनाम के तौर पर पूरोधा शिप से विभूषित किया जाय। लेकिन पुरे समय तक सुधांशु जी सर झुकाकर चुप चाप बेठे रहे।।
मेने अभी तक मीडिया को सिर्फ इतना ही कहा है कि यह हमारी सँस्था की इंटरनल समस्या है , हम लोग इस धरने के जरिये से गलत लोगो को एक्सपोज़ कर सॉल्व करना चाहते है। लेकिन आज के सत्याश्रयानंद के ड्रामा बाजी को देखते हुए लगता है कि इन लोगो को और ज्यादा एक्सपोज़ करने की जरुरत है। एडमिन एवम STO , आपको विश्वास दिलाता है कि बाबा के किसी भी इंस्टूशन पर आंच नहीं आने देगा।
Mantracetananda declares: Expose saffron robe criminal cheater wts
लेकिन जो लोग गलती कर रहे हे उनको आनंद मार्ग समाज में इतना एक्सपोज़ कर देंगे। कि भविष्य में दूसरा कोई मार्गी या सन्यासी सँस्था में गलत कड़ाने का सहास न कर सके। आज के समय में रुद्रानंद ग्रुप सँस्था को अवश्य बर्बाद कर रहे हे। फिर भी खाली रुद्रानंद ग्रुप से मुक्ति पा लेना काफी नहीं होगा। हमारा मुंमेन्ट इस प्रकार का होना चाहिए की भविष्य में दूसरा रुद्राणांड ग्रुप पैदा न हो। और आज की घटना या सत्याश्रयानंद के फरेबी नाटक को देखने के बाद, सत्याश्रयानंद के फेरे नाटक देखने के बाद एडमिन एवम STO के सदस्यों ने यह महसूस अवश्य किया है कि आनन्द मार्ग के हर सदस्य को सँस्था यह जानकारी अवश्य दिया जाय की- गृही मार्गी को बाबा ने क्या अधिकार दिए है, और गृही मार्गियो के क्या कर्तव्य है। क्योंकि बिना अपने कर्तव्य के पालन किये हुए अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं किया जा सकता। आज के इस रुद्रानंद ग्रुप के निगेटिव ड्रामा से हम को यह सीखने को मिला कि पूरे ग्रही मार्गियो को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में पूरी जानकारी दी जाय । चाहे वह UTube, फेस बुक, या मिडिया के माध्यम से ही क्यों न हो। आप लोग के उन सब सुझावों STO स्वागत करेगा।जो जो सँस्था के हित में हो। हम लोगो को हर निगेटिव चीज से पोजिटिव चीज निकाल कर सीखना चाहिए।। हम सब लोगो को उन सभी क्रिमिनल को सजा दिलाने के लिए कोशिश करना चाहिए, लेकन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलना चाहीये। लेकिन उन हत्यारों ने तो दादा अभिप्रेमानंद की एक बार हत्या की हे। लेकिन रुद्रानंद ग्रुप तो सँस्था की रोज रोज हत्या कर रहे हे। रुद्रानंद ग्रुप तो " परम पातकी हत्यारे" है। रुद्रानंद ग्रुप ने तो हम लोगो के सामने पहले एक उदाहरण पेश कर दिया है , जब हमारे ग्रेट दादा निगमानन्द जी की डॉक्टर ने यह दिया था कि उनको ज्यादा दिन तक जीवित नही रखा जा सकता, तो उनके जल्दी मरने की ख़ुशी में हमारे नाभातीता नन्द ने देल्ही में बंगाली स्वीट से " रस मलाई "की पार्टी दी थी। नाभतीतनन्द को रूद्रानंद इसी वफादारी का ईनाम नाभातीता नन्द को पूरोधा एवम पुरोधा बोर्ड की मेंबर शिप से नवाजा गया। यदि व्यक्ति कोई पूरोधा बनने की इच्छा रखता है तो YMCR ग्रुप यानी यश क्लब मेंन रुद्रानंद का मेंबर बन सत्याश्रयानद का सहारा ले सकता हैं।
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Courtesy of WhatsApp - STO Forum: It is obvious that this above news is not original content by Ananda Marga News Bulletin.
== Section 3: Links ==
Comment about below Hindi Baba story
The below Hindi story is proper, with the exception of the sections highlighted in red. In this case the wt was pointed out because he gave the gift of one pen to his fiancée. And the value of the pen was 50 paisa (less than one penny). And even then, Baba scolded him on the point of why he wasted the money of this poor, impoverished AMPS organization. Now, the take-away---
Whatever costly things or cheap things wts consumed, if it was sentient there was not any problem for Baba. Because Baba knows that food is also a weakness and wts are not perfect. So they control other things, but regarding food they like to eat that which is tasty-- so that was allowed.
Yes, Baba pointed out on the food point in cases of overeating or not sharing with others, or if the food was not sentient, or unhygienic. Other than this, Baba had no objections to whatever tasty or dainty food wts might consume.
In this story, the wt hid the fact and narrated in a wrong way. The incorrect or adulterated material is highlighted in red. Besides the red highlighted areas, the story is ok.
In Him,
Nis’t’ha’
(Below story is Courtesy of Whats App)
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एक बाबा के साथ का अनुभव :एक दादा ने परसों एक घटना बतलाया। ये घटना 1982 की है। दादा की पोस्टिंग बाहर थी और उनके सीनियर यानी इंचार्ज दादा भी बाहर ही थे। मार्गियों से कलेक्शन आता था। एक मार्गी थे जिनसे ज्यादा कलेक्शन आता था। बार बार इंचार्ज दादा अपने जूनियर दादा को बोलते की जाओ कलेक्शन लेकर आओ। तब एक दिन जूनियर दादा ने कहा आप खुद क्यों नही उनसे मांग लेते हैं। तब सीनियर दादा ने उन्हें डराया की ठीक है तुम्हे मैं रिपोर्टिंग के समय समझाऊंगा। वो दोनों रिपोर्टिंग के लिए कलकत्ता आये। हमारे कल्याणसुंदरम बाबा विराजमान सारे वर्कर उनके साममी रिपोर्टिंग के लिए बैठे। जब बाबा ने कहा हाँ जी फलाने डिपार्टमेंट का कौन है , तो मन में बदले की भावना से सीनियर दादा ने जूनियर दादा का नाम ले लिया। जब दादा खड़े हुए तब बाबा ने कहा अरे ये छोटा बच्चा बैठ जाओ और बाबा ने असाम DS का नाम पुकार कर कहा की खड़े हो जाओ। जब DS खड़े हुए तब पूज्य बाबा बोले...
पूज्य बाबा: तुमने वो क्यों पिया जो एक WT को नहीं पीना चाहिए....
DS: बाबा मैंने ऐसा कुछ नहीं ..
पूज्य बाबा : ठीक से याद करो
*याद कहाँ से आये क्योकि गुरु को तो कुछ सिखलाना था अपने बच्चों को*
DS:बाबा हमने ऐसा कुछ नहीं किया
पूज्य बाबा :क्रोधित होते हुए ....फलाने तारीख को फलाने जगह पर सड़क के किनारे क्या पिया था तुमने ?
DS: चुप ....जी बाबा और लगे रोने
पूज्य बाबा: हरामजादा....तुम्हे पता है गृही का hard earned पैसा का तुमने गलत इस्तेमाल किया। बेचारा गृही अपने परिवार के साथ साथ तुम्हारी जिम्मेवारी उठाता है और तुम्हें उसे बर्बाद किया। तुम्हारा अपना क्या है? गृही तुम्हारी जिम्मेवारी उठाता है।
इसके बाद रिपोर्टिंग खत्म हुई। तब जूनियर दादा जिनका संन्यास जीवन केवल दो साल का हुआ था वो सोंचे ऐसा क्या पी लिया की गुरुदेव इतने क्रोधित हो गए। इन्होंने उस DS दादा से पूछा कितने का था वो ड्रिंक, DS दादा ने बतलाया 1 रुपया का । तब जूनियर दादा बोले बाप रे बाप 1 रुपया के लिए बाबा का ये निर्देश। तब से आज तक वो जूनियर दादा जो अब काफी सीनियर हो चुके हैं वो कलेक्सन का हिसाब तीन जगहों पर लिख कर रखते हैं।
धन्य है हम की ऐसे गुरु का सानिध्य मिला जिन्होंने ऊँगली की नाखुन नहीं काटने से लेकर मोक्ष मुक्ति का मार्ग हमें दिखलाया |
(Above story is Courtesy of Whats App)
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